आंखें बाहरी दुनिया के दृश्यों को दिखाने के अलावा और सेहत के बारे में भी बहुत कुछ बताती हैं। ये अपनी स्थितियों के जरिए हमारे समग्र स्वास्थ्य का हाल बता सकती हैं। आपकी आंखें मधुमेह से लेकर कोरोना वायरस जैसी महमारी तक विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के शुरुआती चेतावनी संकेत दे सकती हैं। आइए आज हम आपको बताते हैं कि आंखें किन-किन स्वास्थ्य जोखिमों की ओर इशारा करती हैं।
आंखों में खुजली
एक बार फिर से हर दिन कोरोना वायरस के मामलों में इजाफा हो रहा है और यह बहुत परेशानी पैदा कर रहा है। इसके बुखार, थकान और खांसी जैसे सामान्य लक्षणों से तो हर कोई वाकिफ है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह महामारी आंखों में खुजली भी उत्पन्न करती है। नए कोविड वैरिएंट एक्सबीबी 1.16, जिसे आर्कटुरस के नाम से भी जाना जाता है, इसका मुख्य लक्षण भी आंखों में खुजली होना ही है।
धुंधली नजरें मधुमेह का संकेत दे सकती है। यह एक बीमारी है, जो रक्त में शर्करा के उच्च स्तर के कारण होती है। अनियंत्रित मधुमेह से डायबिटिक रेटिनोपैथी हो सकती है, जिससे आंखों में छोटी रक्त वाहिकाएं रक्त और तरल पदार्थ का रिसाव करती हैं। इसके परिणामस्वरूप धुंधली नजरें और रात में देखने में कठिनाई होती है। अगर आप मधुमेह को लेकर चिंतित हैं तो इन पांच योगासनों को आजमाकर उसे नियंत्रित करने में सफल हो सकते हैं।
कॉर्नियल आर्कस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें कॉर्निया के बाहरी किनारे पर वसा जमा होकर एक ग्रे-सफेद रेखा बनती है। कुछ मामलों में डिपॉजिट एक पूरा घेरा बना सकता है और आंखों का रंग भी बदल सकता है। हालांकि, यह स्थिति आमतौर पर वृद्ध व्यक्तियों में दिखती है। इसी तरह 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों को भी यह पता होना चाहिए कि यह खतरनाक रूप से उच्च कोलेस्ट्रॉल (हृदय रोग) का संकेत हो सकता है।
उभरी हुई आंखें ग्रेव्स रोग का संकेत दे सकती हैं। यह एक ऐसी स्थिति जिसके परिणामस्वरूप थायराइड हार्मोन का अधिक उत्पादन होता है। इसके अन्य लक्षणों में चीजें को दोहरा दिखाई देना, नजरें कमजोर होना, हाथ कांपना, वजन घटना और दस्त शामिल हैं। हालांकि, दवा और सर्जरी जैसे इलाज हार्मोन उत्पादन को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। आंखों की समस्या को हल्के में न लें क्योंकि ग्रेव्स घातक भी साबित हो सकता है।
झुकी हुई पलकें मायस्थेनिया ग्रेविस का संकेत दे सकती हैं। यह एक आटोइम्यून बीमारी है, जो शरीर की मांसपेशियों को कमजोर करती है। मायस्थेनिया ग्रेविस मुख्य रूप से आंख, चेहरे और गले की मांसपेशियों को प्रभावित करती है। इसके कारण बोलने, चबाने या कुछ भी निगलने में काफी मुश्किल होती है। इस बीमारी के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए कई दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन कुछ रोगियों को थाइमस ग्रंथि हटाने की सर्जरी की आवश्यकता भी हो सकती है।