Home National यूएन में भारत का पाक-चीन को करारा जवाब, ‘जम्मू-कश्मीर-लद्दाख हमारा था, है और रहेगा

यूएन में भारत का पाक-चीन को करारा जवाब, ‘जम्मू-कश्मीर-लद्दाख हमारा था, है और रहेगा

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यूएन में भारत का पाक-चीन को करारा जवाब, ‘जम्मू-कश्मीर-लद्दाख हमारा था, है और रहेगा

नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर अपना रुख स्पष्ट करते हुए चीन और पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। भारत ने अपने इस रुख को दोहराया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग थे, हैं और रहेंगे। उन्होंने ‘यूएनजीए प्लेनरी: यूज ऑफ द वीटो’ को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी देश कितनी भी गलत सूचना, बयानबाजी और प्रचार करले लेकिन वो इस तथ्य से इनकार नहीं कर सकता है।

काउंसलर प्रतीक माथुर ने कहा कि यूएनजीओ के ‘वीटो पहल’ को अपनाए हुए एक साल बीत चुका है। उन्होंने कहा कि यूएनजीए ने 2008 में सर्वसम्मति से सहमति व्यक्त की थी कि यूएनएससी सुधार के सभी पांच पहलू, जिनमें वीटो भी शामिल है, पर व्यापक तरीके से फैसला किया जाएगा। यूएनएससी में सुधार की पर फिर समर्थन जताते हुए उन्होंने कहा कि वीटो पर भारत की स्थिति स्पष्ट है। बता दें कि भारत और कई अफ्रीकी और एशियाई देश कई सालों से वीटो सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र पर जोर दे रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य हैं संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम जिन्हें सामूहिक रूप से पी5 के रूप में जाना जाता है। इन 5 देशों का कोई भी सदस्य संयुक्त राष्ट्र द्वारा पारित प्रस्ताव को वीटो कर सकता है। हालांकि, सुरक्षा परिषद 10 सदस्यों का चुनाव करती है, जो परिषद में दो साल तक रहते हैं, लेकिन उन्हें वीटो पावर नहीं दिया जाता है। यूएनएससी में सुधार की पर फिर समर्थन जताते हुए उन्होंने कहा कि वीटो पर भारत की स्थिति स्पष्ट है। बता दें कि भारत और कई अफ्रीकी और एशियाई देश कई सालों से वीटो सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र पर जोर दे रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य हैं  संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम  जिन्हें सामूहिक रूप से पी5 के रूप में जाना जाता है। इन 5 देशों का कोई भी सदस्य संयुक्त राष्ट्र द्वारा पारित प्रस्ताव को वीटो कर सकता है। हालांकि, सुरक्षा परिषद 10 सदस्यों का चुनाव करती है, जो परिषद में दो साल तक रहते हैं, लेकिन उन्हें वीटो पावर नहीं दिया जाता है।

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